धूम मची धूम साई के आँगन में

शिरडी नगर का प्यारा है नूरानी है मंजर,
बेहता है यहाँ देखो रेहमत का समंदर,
सारे यहां पे देखो साई जी का राज है,
मस्ती में झूम झूम कर कहते है कलंदर,
धूम मची धूम साई के आँगन में,
साई दर धूम मची है गली गली धूम मची है,

सचाई का ज़माने को है रास्ता दिखाया मालिक सब का इक है साई ने बताया,
साई ने जलाई है महोबत की रोशनी सारे जहां का बिगड़ा भाग बनाया,
धूम मची धूम साई के आँगन में,
साई दर धूम मची है गली गली धूम मची है,

बिगड़ी हुई तकदीर बना देते है साई हर भक्त की चाहत का सिला देते है साई,
तू मेरी बात मान ले तू साई दर पे चल वो कड़वे नीम मीठे बना देते है साई,
धूम मची धूम साई के आँगन में,
साई दर धूम मची है गली गली धूम मची है,

आया है मेला साई का मेले में जायगे,
शिरडी नगर में साई की महफ़िल सजायेंगे
तरीक तो हमे बाबा का दीदार करना है
बाबा की महोबत में यही गाते आएंगे,
धूम मची धूम साई के आँगन में,
साई दर धूम मची है गली गली धूम मची है,

एह मस निजामी को तेरी निस्बत का सहारा,
फ़ौरन ही मिल गया हमे कश्ती में सहारा,
सुंदरम ने साई तुझे दिल से पुकारा मस्ती में झूम झूम के कहता है दोबारा ,
धूम मची धूम साई के आँगन में,
साई दर धूम मची है गली गली धूम मची है,
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