बाला सालासर वाले है

बाला सालासर वाले है आज मगन मत वाले,
राम नाम रस कीर्तन में देखो बाँट रहे है,
बाँध के गुंगरू छम छम बाला नाच रहे है,
बाजे ढोल नगाड़े घंटे बाज रहे है,
बाँध के गुंगरू छम छम बाला नाच रहे है,

इक हाथ खड़ताल है देखो सोया जगत जगाने को,
दूजे हाथ में गदा पापियों को परलोक दिखाने को,
भगत मग्न है और अधर्मि काँप रहे है,
बाँध के गुंगरू छम छम बाला नाच रहे है,

देव लोक से देख रहे है देव ये लीला बाला जी,
सांस सांस में राम का सुमिरण करने वाली माला जी,
भक्तो के हाथो की लकीरे बाच रहे है,
बाँध के गुंगरू छम छम बाला नाच रहे है,

किस किस ने है अर्जी लगाई राम लला के दर्शन की,
किस किस की रचना है प्यासी राम नाम रास चाखन की,
सबके हिरध्ये वलियाँ अर्जिया जांच रहे है,
बाँध के गुंगरू छम छम बाला नाच रहे है,
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