हो जमुना किनारे
जमुना किनारे, झिलमिल करे तारे
जहाँ बांसुरी बजाए यशोदा का लड़का
जिसे सुन सुन राधाजी का दिल धड़का
हो जमुना किनारे...
पावों में पैजनियाँ, पहन चोरी चोरी
घर से चली रे देखो राधे गोरी गोरी
क़दमों के निचे
क़दमों के निचे आई ,घूँघट को खींचे
जहाँ बांसुरी बजाए यशोदा का लड़का
जिसे सुन सुन राधाजी का दिल धड़का
हो जमुना किनारे...
नटखट था बड़ा कन्हैया
पकड़ी राधा की बहियाँ
अरे राधाजी का, नरम करजवा नाचे, ता ता थइया
एक तरफ ग्वालन गैया, एक तरफ था ढीठ कन्हैया
अंखियो से अँखियाँ टकराई, तो बहने लगी पुरवाई
लो प्रीत गगरिया छलकी
माथे से चुनरिया ढलकी
जहाँ बांसुरी बजाए, यशोदा का लड़का
जिसे सुन सुन राधाजी का दिल धड़का
हो जमुना किनारे...
राधा मोहन के मधुर मिलान की फ़ज़ा
देख कर उठी गगन में घटा
पवन को हटा, मेघ जो फटा
बरसने लगा रे मुसळधार
गोकुल भीगा
गोकुल भीगा, मधुबन भीगा, भीगे किशन मुरार
भीग गयी रे, कुँवर राधिका, भीगा उनका प्यार
पंछी भोर को पुकारे
पंछी भोर को पुकारे, खुले नैन गटणारे,
जहाँ बांसुरी बजाए यशोदा का लड़का
जिसे सुन सुन राधाजी का दिल धड़का
हो जमुना किनारे...