कृष्णा की घड़ी जनम की आयी,
कंस तरन की बेला आयी,
गगन में ऐसी बदली छायी,
हरषे देव कुल समुदाई
नाचे मगन मयूरा
हो नाचे मगन मयूरा।।
कान्हा को लेकर नन्द घर जाए,
उसपर शेषन छात्र बनाये,
यमुना बहुत उमड़ती जाए,
देदे चरण कन्हैया मोहे,
नाचे मगन मयूरा,
हो नाचे मगन मयूरा।।
जगत ने ऐसी दौलत पायी,
किसी ने अब तक ना बिसराई,
सभी मिल नाचो नाचो भाई,
आयो आयो कृष्णा कन्हाई,
नाचे मगन मयूरा,
हो नाचे मगन मयूरा।।
कृष्णा ने ऐसी माटी खायी
मुख में सृष्टि माँ को दिखलाई
मैया देख उसे मुस्काई
बोली जय हो तेरी तुम्हारी
नाचे मगन मयूरा,
हो नाचे मगन मयूरा।।