कर गया कान्हा मिलान का वादा,
जमुना किनारे खड़ी है कब से राधा,
न अब तक आई मिलन की वो रात,
न अब तक आई मिलन की वो रात.....
तुम तो पिया परदेस सिधारे,
निस दिन बरसे नैन हमारे,
निस दिन बरसे नैन हमारे,
तुम तो पिया परदेस सिधारे,
निस दिन बरसे नैन हमारे,
यहाँ बारह महीने लगी है बरसात,
न अब तक आई मिलन की वो रात.....
श्यामा रे मेरी भूल भुलादे,
आजा फ्री जो चाहे सजा दे,
हो आजा फ्री जो चाहे सजा दे,
श्यामा रे मेरी भुला भुलादे,
आजा फ्री जो चाहे सजा दे,
मैं अब न करुँगी ठिठोली तेरे साथ,
न अब तक आई मिलन की वो रात....
कर गया कान्हा मिलान का वादा,
जमुना किनारे खड़ी है कब से राधा,
न अब तक आई मिलन की वो रात,
न अब तक आई मिलन की वो रात.....