कागा सब तन खाइयो चुन चुन खाइयो मांस,
ये दो नैना मत खाइयो मुझे साई दर्शन की आस,
बांस की छइयां जाए गी सवारी,
कांधे देना साई अर्जी है हमारी,
ना ही दीया ना ही बाती तेरे दर पे आया हु,
नैनो की थाली में गंगा जल लाया हु,
कही जन्मो से साई अखियां है प्यासी मेरी,
देदो दर्शन साई अर्जी है हमारी,
तुझबीण साई बाबा ये जीवन अगोरा,
तूने ही तो इस जीवन का आस किया पूरा,
तेरे भरोसे साई चलती है सांसे मेरी,
लगा लो मुझको गले से अर्जी है हमारी,
चलते चलते मैं हारा हु जीवन की राहो में,
देदो साई और मुझको इन चरणों की छाओ में,
तेरे चौखठ पे आया हु बन के सवाली साई,
निराश मुझको न करना अर्जी है हमारी,