गीत ख़ुशी के गाने लगी है,
ये पटी हर ढाल की घर से अपने लेके चले है साई की हम पालकी,
पालकी चली साई की पालकी चली
सारी दुनिया हो रही है साई जी की जय जय कार,
पहने हुए है अपने गले ने साई फूलो के सूंदर हार,
वसी है सबके दिल में मूरत शिरडी के इस लाल की,
घर से अपने लेके चले है साई की........
दिल की आँखों से इसको देखो अपनी किस्मत चमका लो,
करके साई नाथ के दर्शन जो चाहो सो फल पा लो,
करती है घर घर में उजाला जोति ये कमाल की,
घर से अपने लेके चले है साई की........
छोड़ के ये दो रंगी दुनिया साई शरण तेरी आये,
साई के रंग में रंगके झंडे हाथो में है लहराए,
खेलेगे मिल कर हम होली प्रेम के कुणाल की,
घर से अपने लेके चले है साई की