साई दिया क्या बाता ओ बन्दिया मौला दियां क्या बाता,
साई के चरणों में मिलती है खुशियों की सौगात,
साई दिया क्या बाता .........
जब नजर कर्म की करता वो बिगड़ी तकदीरे बदलता वो,
साई के रंग में रंग जा तू मौला के रंग में रंग जा तू,
फिर देख होती रमा का,
साई दिया क्या बाता .........
परचंड वही वो राज भी है,
वो कल भी था वो आज भी है,
वो चाहे कुछ भी कर सकदा,
सब मौला दियां करा माता,
साई दिया क्या बाता .........
मैं अपने दिल से मारे जो,
मौला को दिल से पुकारे जो,
फिर पल में उनकी होती है ,
मौला से मुलाकाता
साई दिया क्या बाता .........