पालकी पे होक सवार साई चले चावड़ी के द्वार,
नाचो रे भाई गाओ रे वधाई,
पालकी पे होक सवार साई चले.......
दिन गुरूवार है गाओ बधाई,
कंधे पे पालकी उठा के बोलो साई,
उठाये गए साई तेरा भार,
साई चले चावड़ी के द्वार,
पालकी पे होक सवार साई चले.......
साई का है साँचा दरबार बाबा देते प्यार बेशुमार,
हिन्दू मुश्लिम गाये साई गाता,
झुकता है हर बंदे का शिरडी में माथा,
करते है साई चमत्कार,
साई चले चावड़ी के द्वार,
पालकी पे होक सवार साई चले.......
ईद हो दिवाली चाहे शिरडी में होली,
दर पे आते है सदा भक्तो की टोली,
भक्तो करलो साई का शृंगार,
साई चले चावड़ी के द्वार,
पालकी पे होक सवार साई चले.......