खुश किस्मत हैं वो इंसान
इनपे मेहरबान साईं राम
मन मंदिर में तुम हो समाये
नित प्रति करते रहो प्रणाम
भक्तों की सुनते फ़रियाद
हर दिल की तुम हो आवाज
हे दुःख हरता पालन करता
तुमसा नहीं कोई दयावान
खुश किस्मत हैं वो इंसान
जिनपे मेहरबान साईं राम
मन मंदिर में तुम हो समाये
नित प्रति करते रहो प्रणाम
तुम जो आस तुम्ही विश्वास
तेरे होते क्यों हो उदास
सबका प्यारा सबका सहारा
जग में है एक ही शिरडी धाम
खुश किस्मत हैं वो इंसान
जिनपे मेहरबान साईं राम
मन मंदिर में तुम हो समाये
नित प्रति करते रहो प्रणाम
धरती शरणागत सुखधाम
अंबर झुक कर करे सलाम
खुश किस्मत हैं वो इंसान
तेरे चरणों में ही गुजरे
जीवन के दो ये वरदान
जिनपे मेहरबान साईं राम
मन मंदिर में तुम हो समाये
नित प्रति करते रहो प्रणाम
खुश किस्मत हैं वो इंसान
तेरे चरणों में ही गुजरे
जीवन के दो ये वरदान
जिनपे मेहरबान साईं राम