भुलाये साई बाबा अपने बच्चो को शिरडी से,
आओ मेरी आँख के तारो कहा गये मेरे प्यारो,
भुलाये साई बाबा अपने बच्चो को शिरडी से,
सब धर्मो का धाम शिरडी ही एक धाम है,
ईश्वर अल्ल्हा नानक सब में साई राम है,
साई कलयुग के अवतार कफनी है उनका शृंगार,
भुलाये साई बाबा अपने बच्चो को शिरडी से,
देखो पानी से दीपक कैसे जल रहा,
द्वारका माई में साई धुनि रम रहा,
शिरडी की अजाब नजारे है भगतो की लगती कतारे है,
भुलाये साई बाबा अपने बच्चो को शिरडी से,
साई के दरबार में जो भी रोगी आ ता है,
साई की भुटटी से वो रोगो को मिटाता है ,
मुर्दो में भी ढाली जान साई लीला बड़ी महान,
भुलाये साई बाबा अपने बच्चो को शिरडी से,