हमने जाना कहा,
हम ने जाना शिरडी द्वार रे उसकी महिमा है अप्रमपार रे,
जिस पत्थर पे तू था विरजा उस पे झुकते रंक और राजा,
हर पीड़ा से मिल जाये मुक्ति सबका बेडा पार रे,
हमने जाना कहा..........
तेरा द्वारा जितना न्यारा हर मजहब को उतना ही प्यारा,
भेद भाव नहीं दीन धर्म में,
तेरा ये उपकार रे,
हमने जाना कहा......
जीवन है माटी की गागर दुनिया है एक गेहरा सागर,
लेहरे उठती है तूफानी तू सबका खेवन हार रे,
हमने जाना कहा........