साई ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला

इक मस्त नजर डाली मस्तना बना डाला,
बाबा ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला,

क्या खूब दिखाए है जुले वो करा माते,
शिरडी में सदा होती रेहमत की वो बरसाते,
शिरडी में आके कोई खाली नहीं है जाता,
बिन मांगे मुरादे वो हर वक़्त दर से पाता,
तूफानों का भी रस्ता बाबा ने बदल डाला,
दीवाना बना डाला दीवाना बना डाला,
साई ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला,

जिसके लिए साई ने अल्ल्हा से दुआ करदी,
उस को मेरे बाबा ने हर चीज अदा करदी,
बांजो की खाली झोली लालो से हरी करदी,
विदवा की हरी पटी फीकी सी मीठी करदी,
साई की खुदाई का अंदाज है निराला ,
दीवाना बना डाला दीवाना बना डाला,
साई ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला,

राजाओ को फ़कीर से जलवे दिखाये है,
हैरत में है ज़माना वो जलवे दिखाये है,
कुए का खारा पानी मीठा सा बना डाला,
पानी से चला दीपक वो जलवा दिखा डाला,
बाबा ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला,
साई ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला,

जन्नत के फ़रिश्तो ने बाबा को सलामी दी,
दुनिया की शहनशाओ ने बाबा की गुलामी की,
साई की खुदाई का अंदाज है निराला,
दीखता है भोला भाला मेरा साई शिरडी वाला,
मेरा साई शिरडी वाला मेरा बाबा शिरडी वाला,
बाबा ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला,
साई ने जिसे चाहा दीवाना बना डाला,
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