किस्मत वाला दिन है आया॥
ख़ुशी है कमाल की,
चली है पालकी साईं की पालकी,
पालकी चली साईं की पालकी चली॥
बीड लगी भगतों की बाहरी ॥
चेहरों पर छाए खुशाली ॥
जो भी मुरदे भगतों ने मांगी ॥
साईं ने झोली मैं ढाल दी,
चली है पालकी ......
उपर दीप जगी है ज्योति॥
सुख सागर के भरदे मोती॥
बेठे पालकी मैं खुद आके॥
जो दुनिया के करानी
चली है पालकी ......
साईं मेरे शिरडी वाले ॥
भगतों पर किरपा करने वाले ॥
जो भी साईं दवारे आया
उस की मुसीबत ताल दी
चली है पालकी ......
साईं मेरे है मतवाले ॥
भगतों के है रखवाले॥
जो भी मुरादे भगतों ने मांगी॥
साईं ने झोली में ढाल दी
चली है पालकी ......
पालकी चली साईं की पालकी चली