मुझको भी अपना बना लो माँ मैं भकत हु अनजाना,
तुम ही सही राह दिखादो माँ दुनिया से हु बेगाना,
अनजान सी राहो पर मैं चलता रहता हु,
कभी गिर जाता हु माँ कभी सम्बल जाता हु,
तुम दर पे भुला लो माँ मेरा और न कोई ठिकाना,
मुझको भी अपना बना लो माँ मैं भकत हु अनजाना,
मैया जी साथ तुम्हारा देदो मुझे सौगात में,
मुझको भी शामिल करदो तेरे प्यारो की जमात में,
मैं तेरा ऐसे हुआ जैसे प्रवेश दीवाना,
मुझको भी अपना बना लो माँ मैं भकत हु अनजाना,