चुनरिया तारों जड़ी माँ को प्यारी बड़ी,
लाल चुनरिया मैया की ऐसे रंगवाऊंगी,
सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाऊंगी……..
राम लखन और भरत शत्रुघन उसमे चरों भाई हो,
ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर संग गणपति गौरा माई हो,
गंगा यमुना सरस्वती चुनर पे जड़वाऊंगी,
सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाऊंगी…....
बलदाऊ के संग चुनर में ब्रज के कृष्णा कन्हाई हो,
राधा रानी ब्रज महारानी और यशोदा माई हो,
नवग्रह नक्षत्र के तारे मैं जड़वाऊंगी,
सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाऊंगी…….
नारद जी वीणा को लेकर मधुर गान गाते होगे,
शेषनाग और गरुड़ नादिया चुनर में आते होगे,
खिल खिल के चुनरिया मैं माँ को ओढाऊँगी,
सूरज चंदा गगन सितारे सब जड़वाऊंगी………