कैसे कैसे खेल तेरे,
और कैसी तेरी माया है,
किसी को तो मां तुमने,
दो दो नैन दिए,
किसी को तो मां तुमने, जय हो...
किसी को तो मां तुमने,
दर्शन को रुलाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे,
और कैसी तेरी माया है॥
किसी को तो मां तुमने,
दो-दो लाल दिए,
किसी को तो मां तुमने, जय हो..
किसी को तो मां तुमने,
क्यों बाँझ बनाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे,
और कैसी तेरी माया है॥
किसी को तो मां तुमने,
कोठी महल दिए,
किसी को तो मां तुमने, जय हो..
किसी को तो मां तुमने,
सड़कों पर सुलाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे,
और कैसी तेरी माया है॥
किसी को तो मां तुमने,
धनवान बनाया है,
किसी को तो मां तुमने, जय हो..
किसी को तो मां तुमने,
क्यों भिखारी बनाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे,
और कैसी तेरी माया है॥
अपने अपने कर्मों का फल,
सबको ही पाना है,
जैसे जैसे कर्म किए, जय हो..
जैसे जैसे कर्म किए,
वैसा ही निभाना है,
कैसे कैसे खेल तेरे,
और कैसी तेरी माया है॥