जानें कैसा नशा हो जाता है,
दिल मोहन मोहन गाता है,
जाने कैसा नशा हो जाता है,
दिल मोहन मोहन गाता है........
किसी और का ना हो पाता है,
दिल मोहन मोहन गाता है,
जाने कैसा नशा हो जाता है,
दिल मोहन मोहन गाता है…..
ये नशा नहीं बाजारों में,
नहीं मिलता ये महख़ानों में,
जो प्रेम सुधा रस पाता है,
वो मोहन मोहन गाता है,
जाने कैसा नशा हो जाता है,
दिल मोहन मोहन गाता है……
इसको पी कर रसख़ान हुए,
कोई मीरा तुलसीदास हुए,
कोई सूरदास हो जाता है,
जो मोहन मोहन गाता है,
जाने कैसा नशा हो जाता है,
दिल मोहन मोहन गाता है,
केशवा, माधवा, गोपाल,
नन्द नंदना,
केशवा, माधवा, गोपाल,
नन्द नंदना………