दरबार तेरा सजाउगा कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,
साज भी सारे भजवाउगा गीत भी तेरे मैं गाउ गा.
सब को मैं ये बतलाऊ गा,
दरबार तेरा सजाउगा कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,
दूर दूर से भक्त तेरे दरबार में आएंगे,
मोटर गाडी से या पैदल चल कर आएंगे,
किरपा अपनी बरसाना उन्हें हस्ते हस्ते लाना,
इतनी विनती है मेरी दुःख दर्द भी सब के मिटाना,
ढोलक नगाड़े भी भजबाउ गा कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,
दरबार तेरा सजाउगा कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,
श्याम धनी को बड़े प्यार से हमे मनाना है,
चंदका टिका और सिर पर मुकट सजाना है,
ये घुंगराले बालो में है कितना प्यारा लागे,
सूंदर मुखड़ा बाबा का कितना प्यारा लागे,
वेयन्ति माला पहनाऊगा,कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,
दरबार तेरा सजाउगा कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,
अग्रवाल प्रेमी तेरा गुणगान करवाया है,
सारे जग के भगतो ने तुझे मनाया है,
मुझे अपनी शरण में लीजिये प्रभु मुझको ज्ञान तो दिज्ये,
जीवन में खुशियां कमाऊ बस इतनी किरपा कीजिये,
सुख दुःख में तुझको मनाऊगा कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,
दरबार तेरा सजाउगा कीर्तन भी तेरा करवाऊगा,