साई शरण में आओगे तो समजो गे ये बात,
रात के पिशे दिन आवे है दिन के पिशे रात,
कौन खिलाये फूल चमन में क्यों मुरझाये फूल की पाती,
क्यों चमके है बन में दीपक कौन भुजाये जलती बाती,
साई शरण में आओगे तो समजो गे ये बात,
रात के पिशे दिन आवे है दिन के पिशे रात,
कौन भिछाये सुख का बिस्तर,
कौन उड़ाये दुःख की चादर,
क्यों हॉवे पत्थर की पूजा,
कौन करे पत्थर को कंकर,
साई शरण में आओगे तो समजो गे ये बात,
रात के पिशे दिन आवे है दिन के पिशे रात,
क्यों तूफ़ान से निकले कश्ती क्यों मझधार में दुबे नैया,
क्यों साहिल आने से पहले टूटे है तकदीर का पहियाँ,
साई शरण में आओगे तो समजो गे ये बात,
रात के पिशे दिन आवे है दिन के पिशे रात,
कौन करे झोली को खाली कौन भरे है सीप में मोती,
क्यों दिन रात जगाये रखे आंधी में विश्वाश की जोति,
साई शरण में आओगे तो समजो गे ये बात,
रात के पिशे दिन आवे है दिन के पिशे रात,