॥‘ साईं का दीवाना मन हमारा ‘॥
ॐ साईं राम ’
’ शिर्डी वाले तू ओ , शिर्डी वाले ,
शिर्फ़ इतना मुझे दान देदे, अपने चरणों मई स्थान देदे .
सच है क्या जूठ क्या है अभी तक , जान ता ही नहीं मन यह मेरा ,
हर तरफ दिल में छाया हुआ है , अज्ञान का यह अँधेरा ,
मई चलू तो चलू किस डगर पर , आज मुझे यह ध्यान देदे ,
अपने चरणों मई स्थान दे दे ...
शिर्डी वाले तू ओ शिर्डी वाले , सिर्फ इतना मुझे दान दे दे ,
अपने चरणों में स्थान दे दे ...
हर किसी भीड़ के साथ चल कर , मन का विश्वास खोने लगा है ,
अजनबी हो गया हूँ खुद से , ऐसा महेसुस होने लगा है ,
अपने भक्तो मई कर मुझको शामिल , साईं मुझे यह सन्मान दे दे ..
अपने चरणों में स्थान दे दे ...
शिर्डी वाले तू ओ शिर्डी वाले , सिर्फ इतना मुझे दान दे दे .
अपने चरणों मई स्थान दे दे ...