माँ तेरा सदके जाइये माँ तेरे वारे वारे जाइये,
बोल जरा बोल मालिया कौन से मैं फूल चुनु,
भावना की माला गूथ के रानी माँ की भेट करू,
बोल जरा बोल मालिया कौन से मैं फूल चुनु,
मुख से उचारा करू कौन से श्लोक मैं,
जिनसे सुधार लू लोक परलोक मैं,
कैसे इन्क़लियो में आस्था की महक भरु,
बोल जरा बोल मालिया कौन से मैं फूल चुनु,
साधना की सुई है ये धागा विश्वाश का,
दोनों में झलक रहा रंग मेरी आस का,
लग्न लगा दे ऐसी की मैया बिन रह न सकू,
बोल जरा बोल मालिया कौन से मैं फूल चुनु,
पहन के माला ऐसी होये दी दयाल माँ,
कर देगी भगति से मुझे माला माल माँ ,
नाम की दिला दे नैया भव से में पर लगु,
बोल जरा बोल मालिया कौन से मैं फूल चुनु,