श्री राधा नाम रस की बूटी बूटी ला जवाब,
नशा चढ़ गयो री
रगड़ रगड़ ये नाम की बूटी पेयू मैं दिन रात
नशा चढ़ गयो री
राधा नाम रस बड़ा अनमोल है यही नाम दे घट पट खोल है,
नाम रस पान कर खिला रहे तन मन जैसे फूल गुलाब,
नशा चढ़ गयो री .....
कथा कीर्तन और ये सत्संग ये राधा नाम के सब रूप रंग ये,
कण कण राधा नाम रस की है भिखरी भिखरी अलग किताब,
नशा चढ़ गयो री ,,,,
राधा नाम का दीवाना मतवारा हो,
सोहना सोहना नन्द का दुलारा वो,
शरद पूनम का चंदा करता राधा रस बरसात,
नशा चढ़ गयो री..........
राधा नाम मधुप सुख सार है,
नाम रस पी चढ़ ता खुमार है,
मोक्ष द्वारे खुल जाते है भव भंधन कट जात,
नशा चढ़ गयो री .....