इसी आस में जी रहे हैं प्रभु

कभी तो तारोगे आकर संभालोगे,
इसी आस में जी रहे हैं प्रभु ॥

चाहे आज ना कुछ भी मेरे पास है,
पर मन में प्रबल ये विश्वास है,
सुन लेंगे मेरे श्याम सजन पढ़ लेंगे मेरा भोला मन,
इसी आस में जी रहे हैं प्रभु ॥

मेरे हर दर्द की तू दवा सांवरे,
मेरे हर सांस में तू बसा सांवरे,
मैं जब लूँगा उसका नाम बाहें पकड़ेगा बाबा श्याम,
इसी आस में जी रहे हैं प्रभु ॥

सारी दुनिया का तू ही कोहिनूर है,
पर भक्त तेरा बड़ा मजबूर है,
राखी सुधरेंगे ये हालात एक दिन तो बनेगी मेरी बात,
इसी आस में जी रहे हैं प्रभु ॥

कभी तो तारोगे आकर संभालोगे,
इसी आस में जी रहे हैं प्रभु ॥
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