हो हनुमत भायो रे राम मन भायो रे
राम की रटन लगा के हर पल घनो इतरायो रे,
हो हनुमत भायो रे राम मन भायो रे
सिया से बिछड़े जब रघुराई,
पता लगा ने पावन सूत जाई,
उड़े मेघ की चाल से हनुमत निशानी लाओ रे
हो हनुमत भायो रे राम मन भायो रे
सीता फसी रावन की नगरियाँ कैसे करे पार मुश्किल डगारियां
राम नाम से सेतु बना कर संकट भगायो रे
हो हनुमत भायो रे राम मन भायो रे
लखन को जब थी मुरशा आई रावन ने सारी सुध बरसाई
संजीवन जा कर के लेयाओ लखन बचायो रे
हो हनुमत भायो रे राम मन भायो रे
राम की मस्ती में मस्त मलंग ये
नाचे विपन ये छम छम करके
बजरंगी ने राम नाम का डंका भ्जायो रे
हो हनुमत भायो रे राम मन भायो रे