ऐसी सुबह ना आये आये ना ऐसी शाम,
जिस दिन जुबा पे मेरी आये न शिव का नाम,
ऐसी सुबह ना आये ....
मन मंदिर में है वास तेरा तेरी छवि वसाई,
प्यासी आत्मा बन के जोगन तेरी शरण में आई,
तेरे ही चरणों में पाया मैंने ये विश्राम,
ऐसी सुबह ना आये........
तेरी खोज में ना जाने कितने युग मेरे बीते,
अंत में काम क्रोध मन हारे हे भोले तुम जीते,
मुक्त किया तूने प्रभु मुझको शत शत है परनाम,
ऐसी सुबह ना आये .........
सर्व कला समपर्ण तुम ही हो हे मेरे परमेष्वर,
दर्शन देकर धन्य करो अब त्रिवेणी महेष्वर,
भव सागर से तर जाऊगी लेकर तेरा नाम,
ऐसी सुबह ना आये