कदी आजा कदी आजा,
कदी साड़ी गली विच आ ओ बंसी वलडया,,
कदी साढ़े वल फेरा पा ओ मुरली वलडया,
कदी आजा कदी....
.
रोज मैं तेरे मंदिर आवा,
मिन्ता कर कर तनु मनावा,
वे तू दीना है रोज भुला ओ बंसी वलडया,
कदी आजा कदी........
प्यार दी तेरी भूख वे श्यामा,
दे नैना न सुख वे श्यामा,
कदी साहनु भी दर्श दिखा,ओ बंसी वलडया,
कदी आजा कदी........
मैं हां तेरी प्रेम दीवानी,
किस नु सुनावा अपनी कहानी,
वे तू मैनु होर न सत्ता,ओ बंसी वलडया,
कदी आजा कदी........
नित उठ तेरी ज्योत जगावा,
माखन मिश्री दा भोग लगावा,
वे तू मेरे इस भोग नु लगा ओ बंसी वलडया,
कदी आजा कदी........