जितना राधे रोइ रोइ कान्हा के लिए,
कन्हैया उतना रोया रोया है सुदामा के लिए,
यार की हालत देखि उसकी हालत पे रोया,
यार के आगे अपनी शानो शौख़त पे रोया,
ऐसा तड़पा तड़प शमा परवाना के लिए,
कन्हैया उतना रोया रोया है सुदामा के लिए,
यार को लगा कलेजे बात बर बर के रोया,
और अपने बचपन को याद कर कर के रोया,
ये ऋण या अनमोल के श्याम दीवाना के लिए,
कन्हैया उतना रोया रोया है सुदामा के लिए,
पाँव के छाले देखे तो दुःख के मारे रोया,
पाँव धोने की खातिर ख़ुशी के मारे रोया,
आंसू थे भरपाई बस हर्जाना के लिए,
कन्हैया उतना रोया रोया है सुदामा के लिए,
उसके आने से रोया उसके जाने से रोया,
धोके धज धज चावल के दाने दाने पे रोया,
वनवारी वो रोया बस याराना के लिए,
कन्हैया उतना रोया रोया है सुदामा के लिए,