दर्श दिखा दर्श दिखा इक वार सँवारे दर्श दिखा,
देर सुनो अब जगो मुरारी विनती कर कर नैना हारी,
अब तो दर्श दिखा गिरधारी,
भव जगा मेरे जिगर सँवारे भाव जगा,
दर्श दिखा दर्श दिखा इक वार सँवारे दर्श दिखा,
मुरलीधर ओ गिरधर नागर,
दीना नाथ दया के सागर,
दुःख बंजन सुख बार दो गागर,
दूर भगा दूर भगा सब दोष सँवारे दूर बगा,
दर्श दिखा दर्श दिखा इक वार सँवारे दर्श दिखा,
रात ढली छट गया अंधेरा भोर भई जग उठा सवेरा,
पूर्ण हुआ जागरण तेरा,भोग लगा एक बार सँवारे भोग लगा,.
दर्श दिखा दर्श दिखा इक वार सँवारे दर्श दिखा,
बीच भवर मेरी अटकी नइयाँ,
बन आजानन्द नन्दलाल खवाइयाँ,
कवी बीजं महधार कन्हियाँ,
पार लगा उस पार सँवारे पार लगा,
दर्श दिखा दर्श दिखा इक वार सँवारे दर्श दिखा,