दे मोरछड़ी का झाड़ा,दे मोरछड़ी का झाड़ा,
आये श्याम तेरे दरबार देदो मोरछड़ी का झाड़ा,
मैं खाटू नगरी आया मेरी निर्मल हो गई काया,
तेरा रूप सलोना आया थारे चरणों में शीश झुकाया,
मेरा सुखी रहे परिवार देदो मोरछड़ी का झाड़ा,
आये श्याम तेरे दरबार ..........
हाथो में निशान उठाये भगतो की टोली जाये,
फागुन का मस्त महीना ये रंग गुलाल उड़ाये,
मेरी हो जा नइयां पार देदो मोरछड़ी का झाड़ा,
आये श्याम तेरे दरबार ..........
खाटू में लाइन लगा के तुझे नये नये भजन सुनाते,
कूलर पंखे की हवा में हम मस्त मग्न हो जाते,
थारी हो रही जय जय कार देदो मोरछड़ी का झाड़ा,
आये श्याम तेरे दरबार ..........
तुम हारे का साथ निभाते भगतो को गले लगाते,
के राजीव राजू गाये थारी मस्ती में खो जाये,
तुम ज्ञान का दो भण्डार देदो मोरछड़ी का झाड़ा,
आये श्याम तेरे दरबार ..........