राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम कहिये
जाहि विधि राखे श्याम ताहि विधि रहिये
मुख में हो श्याम -नाम श्याम सेवा हाथ में
तू अकेला नहीं प्यारे शायम तेरे साथ में
विधि का विधान जान हानि-लाभ सहिये
जाहि विधि राखे श्याम ताहि विधि रहिये
किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा
होगा प्यारे वही जो मेरे श्याम जी को भायेगा
फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये
जाहि विधि राखे श्याम ताहि विधि रहिये
ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के
महलों में राखे चाहे झोंपड़ी में वास दे
धन्यवाद् निर्विवाद राधे श्याम कहिये
जाहि विधि राखे श्याम ताहि विधि रहिये
आशा एक कृष्ण जी से दूजी आशा छोड़दे
नाता एक कृष्णा जी से दूजा नाता तोड़ दे
साधू संग श्याम रंग अंग-अंग रहिये
जाहि विधि राखे श्याम ताहि विधि रहिये