नौकरी करली है बरसाने दरबार,
ऊचे महल अटारी वाली अलबेली सरकार,
नौकरी करली है बरसाने दरबार,
बिन तन खासे करू चाकरी मन से करू मैं सेवा,
मिल जाए जो प्रशाद किशोरी करू उसी से कलेवा,
मेरे लिए परम धन्य है श्यामा का दीदार,
नौकरी करली है बरसाने दरबार,
ब्रिज मङ्गल के कण कण में है श्री राधा रस छाया,
अलौकिक दरबार किशोरी राशिकन के मन भाया,
हर पल भीड़ लगी रहती है जैसे कोई त्यौहार,
नौकरी करली है बरसाने दरबार,
रास मंडल की सवामणी राधा श्री बरसाने वाले,
बड़ी दयालु बड़ी किरपालु श्री बृषवान दुलारी,
करुणा मई सरकार किशोरी करुणा की भण्डार,
नौकरी करली है बरसाने दरबार,
कहे मधुप जिस जिस ने की चाकरी इस दर बार,
मिल गया मोक्ष परम पद उसको पंथ हुआ भव पार,
श्री राधा के आंचल में है सिमटा ये संसार,
नौकरी करली है बरसाने दरबार,