मांगे मोसे चन्द्र खिलौना,
बोले रूठो रूठो कन्हियाँ मेरो ऐसी जिद कर बैठो,
मांगे मोसे चन्द्र खिलौना
बार बार समजा के हारी ,
एसो जिदी है रे वनवारी,
बात सुने न मेरी कोई मन को धीरज टुटो,
कन्हियाँ मेरो ऐसी जिद कर बैठो,
नाहक नैनं नीर बहावे,
मेरे दोरे तनक न आवे,
खानो पीने छोड़ दियो न्यू,
चोर खजानो लूटो,
कन्हियाँ मेरो ऐसी जिद कर बैठो,
छूतू सत बलजीत गात को ना है भरोसो मेरी बात को,
सो झूठो की झूठ कहे मुझे दोष लगावे जुठो,
कन्हियाँ मेरो ऐसी जिद कर बैठो,