कुंभ का मेला आया रे भक्तो

कुंभ का मेला आया रे भक्तो कुंभ का मेला आया,
प्राग राज की धरती पर है कुंभ का मेला आया,
गंगा यमुना सरस्वती में संगम प्राग त्रिवेणी जी में अम्रति जल भर आया,
कुंभ का मेला आया रे भक्तो कुंभ का मेला आया,

कुंभ पर्व अस्नान करो जय कारो करो गंगा की,
नदियां पावन करदे बोलो जय प्रयाग राजा की,
संगम तट पर भीड़ लगी है संत समागम,
जिसने कुंभ अस्नान किया उसने ही पुण्य फल पाया,
कुंभ का मेला आया रे भक्तो कुंभ का मेला आया,

छे वर्षो के बाद से पावन शुभ अवसर है आया,
नदियों की निर्मल धरा में अमृत योग बनाया,
गंगा यमुना सरस्वती माँ सबकी किरपा मिले गी,
संगम में अस्नान करो हो दिव्ये तुम्हारी काया
कुंभ का मेला आया रे भक्तो कुंभ का मेला आया,

जन्म जन्मं के पाप मिटे गे कुंभ में सभी नहाओ,
तन मन सब पावन हो जाए कुंभ का अमृत पीलो,.
द्वादश माधव किरपा करे गी दया करे गी गंगा,
जिसने कुंभ नहाया आवो दमन से मुक्ति पाया,
कुंभ का मेला आया रे भक्तो कुंभ का मेला आया,
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