जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है
मात पिता को सब समझाया,
मैं हू लीला करने आया,
जैसा कहु वैसा ही करना जगत भलाई है
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया...
कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
देखो अंगूठा चूसते,
मोहनी सूरत बनाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया...
बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेष नाग है सेवा दार,
यमूना जी की बाढ़,
ना जाने कहा समाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया...