तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे......
तूने राजा दक्ष के जनम लिया,
शिव शंकर के संग ब्याह किया,
तू तो पार्वती कहलाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे…….
तेरे पिता ने यज्ञ रचाया था,
और तुमको नही बुलाया था ,
तू तो बिना बुलाये चली आयी रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे ,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे………….
सब देवो का आव्हान हुआ,
शिवशंकर का अपमान हुआ,
तू हवन कुंड में समायी रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे…….
शिव शंकर का जब क्रोध बढ़ा,
तब राजा दक्ष का शीश कटा,
तेरी काँधे पे लाश उठाई रे,
जय हो ज्वाला माई रे,
तूने पानी में ज्योत जगाई रे,
तेरी जय हो ज्वाला माई रे……..