तूने थामा जो हाथ मेरा श्याम कारवा मेरा चलने लगा,
आया था दर पे तेरे चोकठ पे तेरी रोया था,
तूने थामा जो हाथ मेरा श्याम कारवा मेरा चलने लगा,
दर दर मैं भटका ठोकर भी खाया मिलने से पहले तुझे,
अपने भी रूठे पराये भी छुटे जुड़ने से पहले तुझे,
अनजान सारे रिश्ते हुए श्याम अपने,
तूने थामा जो हाथ मेरा श्याम कारवा मेरा चलने लगा,
जब से सुना मैंने इक द्वार ऐसा गया जो न हारा कभी,
संकट जो आया मुझपे कभी तो आ कर सम्बाला कभी,
अंधेरो में रोशन किया तूने जीवन हमारा,
तूने थामा जो हाथ मेरा श्याम कारवा मेरा चलने लगा,
जीवन में छाई मेरे बहारे खुशिया ही खुशियाँ मिली,
चाहत से बड कर किया तूने इतना आयुस ने न सोचा कभी,
निकिता की ये कमाना दर न छुटे तुमहरा,
तूने थामा जो हाथ मेरा श्याम कारवा मेरा चलने लगा,