वाह रे वाह रे सांवरियां तेरी लीला समज ना आवे,
छोड़ के छपन भोग खिचोड़ो करमा के घर खावे,
वाह रे वाह रे सांवरियां तेरी लीला समज ना आवे,
रुक्मण वहमा कब से बैठी बाट उडीके थारी,
सेवा में त्यार खड़ी रानी पटरानी सारी,
पड़ तुजी में कर्मा के घर लीला तेरी न्यारी,
वाह रे वाह रे सांवरियां तेरी लीला समज ना आवे,
सीधे साधे जाट की बेटी कर्मा भोली भाली,
तेरे आगे धरी प्रेम से खीचड़ ली की थाली,
रीज गयो तू इतने में ही तेरी बात निराली,
वाह रे वाह रे सांवरियां तेरी लीला समज ना आवे,
भड़भागन है कर्मा थाने हाथा से जिमावे,
बड़ा बड़ा योगी ज्ञानी भी एसो सुख न पावे,
प्रेम के वश में तू सांवरिया सोनू यु समजावे,
वाह रे वाह रे सांवरियां तेरी लीला समज ना आवे,