साई नाम का जग है दीवाना,
करता सब की मुरादे है पूरी,
इसकी रहमत का देखा नजारा,
आस रहती न कोई अधूरी,
साई नाम का जग है दीवाना,
सेवा करले तू सची लगन से,
दूर हो जायेगे दुःख ये सारे,
दर बदर जो भटकता है बंदे,
बोल क्या है तेरी मज़बूरी,
साई नाम का जग है दीवाना...
अल्लहा मालिक कलम से लिखाया,
उसके दर से ये संदेसा आया,
दम बदम हु उसकी का दीवाना,
जिसके मन में है श्रदा सबुरी,
साई नाम का जग है दीवाना,
साईं का अर्थ है गम घटाना,
क्यों न बंदे तू साईं को जाना,
वो तो रहता है अंग संग सबके,
जैसे हीरन के संग कस्तूरी,
साई नाम का जग है दीवाना