चाहत में हमने श्याम की खुद को मिटा दिया,
चाहत में हमने आप की खुद को मिटा दिया,
वो याद ना करते हैं हमको जिन्हे अपना बना लिया,
क़ाबिल तो नहीं पर शौक तो है,
दीदार तेरे का मनमोहन,
इसी आस पर मैं जीवन की बाज़ी लगायी बैठी हूँ,
हम जिसे देखने को जिए जा रहे हैं,
वो पर्दा पे पर्दा किये जा रहे हैं,
मेरा शीशा दिल हिफाज़त से रखना,
अपना समझ कर जीए जा रहे हैं,
तुम देखो न देखो प्यारे,ये है तुम्हारी मर्ज़ी,
मैंने तो तेरे दर पे सर को झुका दिया है,
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया
चाहत में हमने...........
उनकी चाहत में है अब ये हालत हमारी,
के आँखों से आंसू बहे जा रहे हैं,
आस पे तकते हैं राहें हम उनकी,
वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं,
हंसना तो उना दी आदत सी,
असी गलत अंदाजा ला बैठे,
तुसी हंसदे हंसदे वसदे रहे,
असी अपना आप गँवा बैठे,
तेरा दर्द दिल में रखना,
तुझे याद करके रोना ,
जीवन का अपने मैंने मकसद बना लिया है,
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया,
चाहत में हमने......
कहते हो तुम रो ना रो ना,
पर अपने को तो रोना है,
तेरे चरण कमल पर रगड़ रगड़,
कब अपने मन को धोना है,
नैनो की गंगा यमुना से,
तेरे चरण कमल को धोना है,
तुम बनो ना बनो, हमारे पिया,
हमको तो तुम्हारा होना है,
मुश्किल है याद तेरी इक पल भी भूल पाएं,
पगली को याद रखना, तुम्हे अपना बना लिया है,
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया,
चाहत में हमने..............