हम भी खड़े तेरे दवार

तेरी नजर हो जो इधर इक बार हम भी खड़े तेरे दवार,
रखले भरम करदे कर्म इक बार हम भी खड़े तेरे दवार,

क्या से क्या हो गई है हालत लोग दीवाना पन कहते है,
तुझको क्या बतलाऊ मैं साई आँखों से साई आंसू बहते है,
मेरा तू करदे बेडा पार ओ साई हम भी खड़े तेरे दवार.

दुनिया की क्या चाहत रखु मैंने महोबत तुमसे की है,
तू चाहे न चाहे मुझको साई वो तेरी मर्जी है,
करता तू सबका उधार  ओ साई हम भी खड़े तेरे दवार.

चैन सकू मिलता है सब को साई तेरे दरबार में,
पार लगा दे सब को साई जो भी फसे मजधार में,
तुझको है साई सबसे प्यार, ओ बाबा हम भी खड़े तेरे दवार.
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