मेरी बात में है ये सचाई के झूठा मेरा उपदेश नही
मेरे संवारे जैसा कोई सेठ नही
मेरे संवारे सेठ की नगरी में इक अजब सी रोनक दिखती है,
सारी दुनिया मेरे बाबा को हारे का सहारा केहतीं है
मेरे संवारे जैसा कोई सेठ नही
सब भगत याहा पर हिल मिल कर आपस में सभी से केहते है,
उस देश की क्या तारीफ करू जिस देश में बाबा रेहते है
मेरे संवारे जैसा कोई सेठ नही
याहा श्याम प्रभु ने भगतो को जो माँगा वो वरदान दिया,
मेरे श्याम की क्या तारीफ करू अपने ही शीश का दान दिया
मेरे संवारे जैसा कोई सेठ नही