फागण आयो रे चलो श्याम धनि का मेला में,
अरे बाबो तेर लगाई भगता के मन में आई,
सब रल मिल चालो श्याम के,
खाटू वाले की महिमा अजब निराली है,
आता यो सच्चे दिल से भरता झोली खाली है,
तू जीवन सफल बनाले बाबा के दवारे चाले,
क्यों भटके फिरे तू गेला में,
फागण आयो रे चलो श्याम धनि का मेला में,
ले ले निशान हाथ में टोलियां चाली रे,
जय कार लगता श्याम की जावे सवाली रे,
भगता रो मन हरषावै ो बाबा म्हाने भुलावे,
माहने सब कुछ दे देवे हथेला में,
फागण आयो रे चलो श्याम धनि का मेला में,
रंग गुलाल उड़े रे खाटू के धाम में,
आज मैं खोली खेला खाटू के श्याम से,
भक्त में मस्ती भरी जब होली खेले बिहारी,
श्याम रंग दियो सब ने अकेला में,
फागण आयो रे चलो श्याम धनि का मेला में,