इक नौकरी लगवा दो मुझे दो रोजदार की,
हो नौकरी सरकारी श्री राधे सरकार की,
तेरी किरपा के मेह्खाने में पड़ा रहु गा बरसाने में,
चाहे सेवा देना मुझको निज महल गुहार की,
हो नौकरी सरकारी श्री राधे सरकार की,
भोर भये उठ कर भोग बनाऊ श्रदा भाव से तुम्हे खिलाऊ,
भोजन में वस्तु होगी छप्पन प्रकार की,
हो नौकरी सरकारी श्री राधे सरकार की,
तन्खा हो बस प्यार तुम्हरा नित मिले दीदार तुम्हरा,
चाहे नौकरी देना मुझको तुम पहरे दार की,
हो नौकरी सरकारी श्री राधे सरकार की,