जो चरणों में साई के इक वार आया,
उसे साई बाबा ने अपना बनाया,
हो हिन्दू मुस्लिमन या सिख ईसाई,
चमत्कार बाबा ने सब को दिखाया,
उसे साई बाबा ने अपना बनाया,
दिवाली थी और तेल बिलकुल नहीं था,
तू साई ने पानी से दीपक जलाया,
उसे साई बाबा ने अपना बनाया,
खूब बनाई है साई की मूरत,
जो दर पे है आया सभी कुछ है पाया,
उसे साई बाबा ने अपना बनाया,
जब सांप ने इक बच्चे को कांटा,
तो धुनि की राख ने उसको बचाया,
उसे साई बाबा ने अपना बनाया,