कान्हा तेरी याद में ब्रज सारा रोये रे,
गोपिया भी रोये कान्हा ग्वाल भी रोये रे,
माखन चुराकर तेरा भाग जाना,
रहा न याद तुमको गुजरा जमाना,
राहो पे चलते चलते तुम भी तो रोये रे,
कोई जाकर के मोहन को संदेस देदे,
तेरी याद में मोहन दिन रात रोये रे,
डालियो से पत्तो से तेरा नाम निकले,
ब्रज भूमि से श्याम श्याम निकले,
नन्द बाबा और मईया खाना ना खाये रे,
विरहा सहारा जाये आजाओ कान्हा,
निरमोही हो तुम हमने हे जाना,
गउओं ने घास छोड़ा रोती ही जाये रे,
कान्हा तेरी याद में ब्रज सारा रोये,
गोपिया भी रोये कान्हा ग्वाल भी रोये रे,
जय श्री कृष्णा