गुलाब गजरो यो फुला को गजरो
म्हारा श्याम जी ने सोवे यो गुलाब गजरो,
गुलाब गजरो यो फुला को गजरो
ऐसो भाग गुलाब को देख्यो श्याम का मन नही भाये,
लाल गुलाब ने पेहन के बाबा श्याम लाल हो जाए,
म्हारा श्याम जी ने सोवे यो गुलाब गजरो,
गुलाब गजरो यो फुला को गजरो
पेहन के गजरो श्याम सांवरियां म्हाने दर्श दिखाए,
झाडो देदे मोरछड़ी को दुःख मारा कट जाए,
म्हारा श्याम जी ने सोवे यो गुलाब गजरो,
गुलाब गजरो यो फुला को गजरो
बंदडो सो थारो रूप देखन ने जी म्हारो ललचाये,
म्हाने बसा ले तू खाटू में रोज दर्श हो जाए,
म्हारा श्याम जी ने सोवे यो गुलाब गजरो,
गुलाब गजरो यो फुला को गजरो
अविनाश थारा भजन बनावे श्याम धनि ने ध्यावे ,
सब भगता की यही विनती दर्श तेरा हो जाए,
म्हारा श्याम जी ने सोवे यो गुलाब गजरो,
गुलाब गजरो यो फुला को गजरो