नमन है हमारा तुम्हे साई बाबा है,
शिरडी बना सबका काशी और काबा ॥
चमकती है चांदी सी मूरत तुम्हारी,
हे भोली सी प्यारी सी सूरत तुम्हारी,
तू जाने में भी तेज हरदम भिखर दा,
नमन है हमारा तुम्हे ....
दयालु आखो में है झिलमिलाती,
लगता है बहती धरा किरपा की,
सदा हाथ जाया अबे दान करता,
गरीबो की झोली वो हर पल है भरता,
नमन है हमारा तुम्हे ....
बहुत भक्त रहते खड़े हाथ जोड़े,
बहुत भक्त शिरडी को आते है दौड़े,
तुम्हारी शरण में अगर हम ना आये,
तुम्हे साई बाबा तो कहा और जाए,
नमन है हमारा तुम्हे ....