दुनिया ने ठुकराया मुझको साई तू है सहारा,
मेरे अश्को ने बह बह कर साई तुझे है पुकारा,
मुझे अपनी शरण में ले लो,
दुनिया ने ठुकराया मुझको साई तू है सहारा,
माया का लोभी था सिकंदर मौत से बच न पाया,
खाली हाथ गया था दुनिया से क्या था जग में लाया,
तू ही गमो का सच्चा सहारा बाकी जग है पराया,
मुझे अपनी शरण में ले लो....
तेरी सेवा करते करते पावन मैं हो जाऊ,
तेरे सिवा मेरी कौन सुने गा साई कहा मैं जाऊ,
तेरे चरणों में रह कर मैं दासी तेरी बन जाऊ,
मुझे अपनी शरण में ले लो,
नीम तले शिरडी में आकर तुम ने समाधि लगाई,
कड़वे नीम को मीठा कर के साबित कर दी खुदाई,
श्रद्धा सबुरी के शब्दों से मैंने अर्ज लगाई,
मुझे अपनी शरण में ले लो,