मेरे खाटू वाले शयम तू कितना सोहना है ।
कोई तुझ सा ना जग में श्याम, तेरा क्या कहना है ।
तेरे बिन सूना यह मेरा जीवन है,
तेरे रंग में रंगा श्याम मेरा तन मन है ।
चाहे छूटे घर संसार तुझे नहीं खोना है,
तू कितना सोहणा है, तू कितना सोहणा है,
मेरा प्यारा सुन्दर श्याम, बड़ा मनमोहन है ॥
इन आँखों से धर धर आंसू बरसे है,
तेरे दर्शन को मेरे नैना तरसे हैं ।
मुझे दरश दिखादे श्याम, मेरा तो यही सपना है,
कितना सोहना है, तू कितना सोहना है,
कोई तुझसे ना जग में श्याम, तू कितना सोहना है ॥
तुमसा कोई हुआ ना होगा बलिदानी,
एहलवती के लाल शीश के तुम दानी ।
तेरी महिमा अपरम्पारम, यह सब का कहना है,
तू कितना सोनहा है, तू कितना सोनहा है,
मेरा प्यारा सुन्दर शयम बड़ा मनमोहना है ॥
मन में अमन मेरे आस यही, इक पलती रहे,
इस दिल में तेरे प्यार की ज्योति जलती रहे ।
तेरे चरणो में जीना, इन्ही में मुझे मारना है,
तू कितना सोनहा है, तू कितना सोनहा है,
कोई तुझसे ना जग में श्याम, तेरा क्या कहना है ॥